आँखी मा आँखी तँय मिला के देख ले।
जिनगी के बीख ला पीया के देख ले।।
आँखी मा आँखी………
पथरा के मुरती नो हँव महुँ मनखे आँव,
नइ हे बिसवास तँय हिलाके दे ख ले।
आँखी मा आँखी………
हिरदे मा तोर नाँव के लहू दउड़त हावै,
धक-धक ए जिवरा धड़काके देख ले।
आँखी मा आँखी……….
नइ हे कोनों तोर सहीं नाँव के पुछइया,
मया के चिन्हारी ओ चिनहाके देख ले।
आँखी मा आँखी………….
दुनिया मा मया के बजार हावै “बोधन”,
एको दिन तो तहुँ हा बिसाके देख ले।
आँखी मा आँखी…………..
बोधन राम निषाद राज
सहसपुर लोहारा,कबीरधाम (छ.ग.)